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Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत में क्यों की जाती है बरगद के पेड़ की पूजा, जानिए इस बार बन रहा है कौन सा शुभ संयोग

Mohini • LAST UPDATED : May 19, 2023, 12:20 pm IST

India News (इंडिया न्यूज) Vat Savitri Vrat 2023, दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई रात 09 बजकर 42 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 19 मई आज रात 09 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, वट सावित्री व्रत इस बार 19 मई यानी आज ही रखा जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। ये व्रत सावित्री को समर्पित किया जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से बचाए थे। तभी से इस दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ का महत्व अतुलनीय है।

वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ का क्या महत्व है

बरगद के पेड़ की पूजा का हिंदू धर्म में एक अलग महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बरगद के पेड़ में हिंदू पौराणिक कथाओं के त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश विद्यमान हैं। पेड़ की जड़ें ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं, वट वृक्ष का तना विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है और भगवान शिव बरगद के पेड़ के ऊपरी हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूरा पेड़ सावित्री माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र पेड़ के नीचे पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

बरगद के पेड़ में क्यों लपेटा जाता हैं कच्चा सूत

वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष पर 7 बार सूत लपेटती हैं। वट वृक्ष पर सूत लपेटने का मतलब है कि पति से उनका संबंध सात जन्मों तक बना रहे। इसके अलावा वट वृक्ष में अनेक औषधीय तत्व मौजूद होते हैं। वट वृक्ष का पर्व वर्षा ऋतु आरंभ होने के पहले मनाया जाता है। वट वृक्ष की कली में मौजूद औषधीय तत्व सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। पौराणिक मान्मायता के अनुसार जिस तरह सावित्री ने अपने समर्पण से अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लायीं थीं, उसी तरह इस शुभ व्रत को रखने वाली विवाहित महिलाओं को एक सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस बार बन रहा है शुभ संयोग

वट सावित्री का व्रत रखने वाले दिन में शोभन योग का निर्माण होने जा रहा है। ये योग 18 मई को शाम 7:37 से 19 मई को शाम 6:16 तक रहने वाला है। इसके अलावा इस दिन शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या भी पड़ रही है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत पर ग्रहों की स्थिति बेहद खास होने वाली है। इस दिन शनिदेव अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होंगे। जिससे शश योग का निर्माण होगा। ऐसे में इस दिन शनि देव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ में इस राशि में होंगे, जिससे गजकेसरी योग का निर्माण भी होगा।

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