होम / जानें क्यों हो रहा, हल्द्वानी में शाहीन बाग जैसा विरोध

जानें क्यों हो रहा, हल्द्वानी में शाहीन बाग जैसा विरोध

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 4, 2023, 4:45 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के विवाद पर सियासी पारा हाई हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। वहीँ सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की कल सुनवाई होनी है। आपको बता दें, इस विवाद से हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास बनभूलपुरा के करीब 50 हजार लोगों के बेघर होने का खतरा है। जिसमें अधिसंख्य आबादी मुस्लिम है। कड़ाके की ठंड में आशियना टूटने की आशंका के बीच ये लोग अपने तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे सड़कों पर बैठी हैं। जिसे कुछ लोग शाहीन बाग जैसे विरोध-प्रदर्शन से जोड़ते हुए आलोचना कर रहे हैं। वहीं अतिक्रमण की जद में आने वाले लोगों के पक्ष में भी कई लोग खड़े हैं। कांग्रेस के अलावा एआईएमआईएम, बसपा, सपा सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण विवाद जानें

आपको बता दें, इस विवाद की शुरुआत हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हुई। इस आदेश में रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला दिया गया। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा।

सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा। उसका खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। नोटिस मिलने ही बनभूलपुरा के लोगों में हड़कंप की स्थिति है।

पूर्व सीएम अतिक्रमण के विरोध में उपवास पर बैठे

जानकारी दें, इस अतिक्रमण विवाद में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। कहा कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से इनका पुनर्वास कर सकती है।

वहीँ, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय में अपना प्रकरण सही तरह से नहीं रखा है। रेलवे जिसे अपनी जमीन बता रहा है, उस जगह पर कई सरकारी स्कूल, फ्री होल्ड जमीन और सरकारी संपत्ति हैं। राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार के मन में खोट होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसी भी तरह से पीड़ितों को बेदखल करना चाहती है।

डीएम का बयान- सुप्रीम कोर्ट जैसा आदेश देगा वैसी होगी कार्रवाई

आपको बता दें, हल्द्वानी अतिक्रमण विवाद में बुधवार को नैनीताल के डीएम धीरज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि यहां पर जितने भी लोग हैं वे रेलवे की भूमि पर हैं। इनको हटाया जाना है, इसके लिए हमारी तैयारी पूरी चल रही है। हमने फोर्स की मांग की है। आने वाले कुछ समय में हम उन्हें हटाएंगे। ये उच्च न्यायालय का आदेश है उसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। जहां पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट जैसा आदेश देगी वैसी कार्रवाई होगी।

DIG बोले, हाई कोर्ट के आदेश पर हट रहा अतिक्रमण

वहीँ, बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि के अतिक्रमण पर कुमाऊं रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश पर तमाम संगठन और लोगों से वार्ता की गई। हमने पूरे एरिया को जोन, सुपर जोन और सेक्टर में बांट दिया है। हम सभी जोन का गंभीरता से आकलन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कितने घर किस सेक्टर जोन में आ रहे हैं और किस तरह से उनको हटाया जाएगा इसका भी आकलन किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय से फोर्स की डिमांड भी की गई है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT