संबंधित खबरें
फिर शुरू होगी Premanand Maharaj की पदयात्रा…विरोध में खड़े हुए सोसाइटी के अध्यक्ष ने पैरों में गिरकर मांगी माफी
वरमाला लेकर स्टेज पर दूल्हे का इंतजार कर रही थी दुल्हन, तभी अचानक घोड़े पर हुआ कुछ ऐसा… निकल गई दूल्हे की जान,वीडियो देख कांप जाएगी रूह
'पता नहीं कहां से इतनी भीड़ आ गई, सब एक के ऊपर एक…', चश्मदीद ने बताई भगदड़ के पीछे की बात, मंजर इतना भयावह था कि…
'अस्पताल में लाशों का ढेर लगा है, एक बेड पर 4-4 लोग पड़े हैं…', चश्मदीद ने खोलकर रख दी प्रशासन की पोल, Video देख नहीं कर पाएंगे यकीन
अगर 3 घंटे पहले हो गया होता ये तो नहीं मचती भगदड़, खुल गया रेलवे का काला चिट्ठा, खुलासे के बाद मचा हंगामा
आखिरी बार 8:30 बजे बात हुई…, अपनों को तलाशते शख्स की बात कलेजे को कर जाएगा छलनी
Electricity demand and coal shortage in India
बढ़ रही गर्मी के साथ-साथ अब देश में बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। यही नहीं अभी मई और जून में यह मांग और अधिक बढ़ सकती है। वहीं दूसरी ओर बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की कमी बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। सरकार का कहना है कि मई और जून के महीने तक बिजली की मौजूदा मांग में 10 प्रतिशत तक बढोतरी हो सकती है। मंगलवार को देश में बिजली की मांग 2.01 लाख मेगावाट थी। यह पिछले वर्ष नौ जुलाई को दर्ज 2.00539 लाख मेगावाट से ज्यादा रही है। मार्च, 2022 में बिजली की मांग 8.9 फीसद ज्यादा रही है। वहीं देश के ताप बिजली घरों में कोयले की कमी को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि बिजली की मांग मई-जून में बढ़कर 2.15 लाख मेगावाट से 2.20 लाख मेगावाट के बीच हो सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार के विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया गया है ताकि कोयला आपूर्ति से जुड़ी अड़चनों को दूर किया जा सके।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि बिजली की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उनकी कंपनी ने कोयले की आपूर्ति बढ़ा दी है। 1-15 अप्रैल तक बिजली संयंत्र को रोजाना 14 लाख टन कोयला की आपूर्ति की गई है जिसे बाद में बढ़ाकर 16 लाख टन प्रति दिन और पिछले तीन दिनों से 17 लाख टन कोयला कर दिया गया है।
मौजूदा स्तर पर बिजली उत्पादन के लिए बिजली संयंत्रों को रोजाना 22 लाख टन कोयला चाहिए। बिजली की मांग जनवरी, 2022 के बाद 11 प्रतिशत बढ़ गई है। देश में बिजली की ऐसी मांग पिछले 40 वर्षों में नहीं देखी गई है।
बता दें कि समस्या कोयले की उपलब्धता नहीं है बल्कि कोयला खदानों से उसे प्लांट तक पहुंचाने के लिए आवश्यक सुविधा का अभाव है। जानकारों का कहना है कि रेल मंत्रालय की तरफ से पर्याप्त रैक नहीं मिल रही हैं।
आवश्यकता को देखते हुए रोजाना 425 रैक की जरूरत है, लेकिन 370 रैक ही उपलब्ध हो रही हैं। यही वजह रही कि कोल इंडिया ने 1.70 करोड़ टन कोयला संयंत्रों को उपलब्ध कराया था लेकिन सिर्फ 40 प्रतिशत की ढुलाई ही हो पाई।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
यह भी पढ़ें : कोरोना वैक्सीन की दूसरी और बूस्टर डोज के बीच समय हो सकता है कम, जानें कितना मिलेगा समय?
यह भी पढ़ें : जैश-ए-मोहम्मद ने स्टेशन मास्टर को फिर भेजा धमकी भरा पत्र, जिहादियों के बदले में इन्हें उड़ाने की दी धमकी…
यह भी पढ़ें : दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पंजाब सरकार की बस सेवा जल्द होगी शुरू, किराय और समय की होगी बचत
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.