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India News (इंडिया न्यूज़), Rau Vidhan Sabha Seat : राऊ विधानसभा सीट को इंदौर की वीआईपी सीटों में से एक माना जाती है, और इसकी कहानी बेहद ही रोचक है। अब तक जिस पार्टी ने भी यहां राज किया है, वह हमेशा ही कम प्रतिशत के वोटो से जीता है। लेकिन अब तीन ऐसे उम्मीदवार अपनी किस्मत इस सीट पर आजमा सकते हैं। इनमें से दो अब तक जीत हासिल कर चुके हैं तो तीसरा उम्मीदवार भी जीतने के लिए जोर अजमाईंस कर रहा है।इंदौर की ग्रामीण सीट माने जाने वाली विधानसभा सीटों में वर्तमान कांग्रेस के जितेंद्र उर्फ जीतू पटवारी विधायक पद पर है। उन्हें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का बेहद ही करीबी माना जाता है। इन्हें भारत जोड़ो यात्रा में भी राहुल गांधी के साथ कदम से कम मिलते हुए देखा गया था। जीतू पटवारी अपने अंदाज में विरोधी पर हमेशा आक्रामक रहते हैं।
जिसके कारण उन्हें मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य के बड़े चेहरों में से एक माना जाता है। जीतू पटवारी ने जीतू जी राती से एक बार हारने के बाद दूसरी बार विधानसभा 2013 में जीत हासिल की थी। इसके बाद से 2018 के चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मधु वर्मा को भी शिकस्त दे चुके हैं। मधु वर्मा पूर्व इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं। मध्य प्रदेश के पिछड़ा आयोग वर्ग के कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिल चुका है। फिलहाल, वे बीजेपी के देवास जिले के प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं। मधु वर्मा का कहना है कि बीजेपी द्वारा जो कार्य दिया गया है, उसे वह अपनी निष्ठा से कर रहे हैं। बीजेपी की वरिष्ठ नेता मधु वर्मा पूर्व इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुकी हैं। मध्य प्रदेश के पिछड़े आयोग वर्ग के कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी उन्हें मिल चुका है।
अपनी विधानसभा में लगातार काम कर रही हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अगर टिकट देती है तो पिछली बार भले ही काम वोटो से हार मिली हो, लेकिन इस बार उसके दोगुनी वोटो से भी जीतेंगे।
गौरतलब है कि जितेंद्र उर्फ जीतू जिराती की तो वह विधानसभा 2008 के चुनाव में कांग्रेस के जीतू पटवारी को 73 हजार 326 वोटो से शिकस्त देकर अपनी 5 साल की विधायिका बखूबी निभा चुके हैं। लेकिन, 2013 में उन्हें इस जीतू पटवारी से 18 हजार 559 वोटो के अंतर से हार का सामना भी करना पड़ा था। जीतू जिराती मध्य प्रदेश में भजम युगों के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। फिलहाल वह बीजेपी के संसद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। 2023 में होने वाली विधानसभा में भी अपनी दावेदारी बड़ी ही मजबूती के साथ रख रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि पिछले दो बार राऊ विधानसभा में कांग्रेस के जीतू पटवारी ने दो ऐसे बीजेपी के उम्मीदवारों को हराया है, जो कि बीजेपी इंदौर के बड़े नेता माने जाते हैं। लेकिन, जब वह मोदी लहर में कांग्रेस को नहीं हरा पाए तो आने वाले समय में कांग्रेस को कैसे हार सकेंगे। जिसको देखते हुए ये उनके लिए बड़ी चुनौती होने वाली है।
बता दे कि तकरीबन 3 लाख 25000 मतदाताओं बाली राऊ विधानसभा सीट में अब तक कांग्रेस छह बार जीत हासिल कर चुकी है। वहीं भाजपा सिर्फ दो बार ही जीत का मजा लेने में कामयाब हो सकी है। हालांकि अब तक विधानसभा सीट पर जितनी भी जीत बीजेपी ने दर्ज की हो लेकिन, जीत और हर का अंतर काफी काम आया है। राऊ विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के इंदौर की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। इस समय राऊ सीट पर वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी काबीज है। यहां की जनता ने अब तक अधिकतर बार कांग्रेस पर ही विश्वास जताया है। देखने वाली बात यह होगी कि इस बार राऊ विधानसभा सीट पर कौन जीता है मतदाता किसे अपना वोट देंगे, यह मतदाता ही तय करेंगे।
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