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इंडिया न्यूज, मधुबनी:
बिहार के मधुबनी के एक युवा पत्रकार अविनाश झा (22) की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है। पत्रकार का शव गांव के ही पास सड़क किनारे अधजली हालत में मिला। उसका फोन भी पुलिस को बंद हालत में मिला। शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
बताया जा रहा है कि अविनाश अस्पतालों द्वारा की जा रही धांधलियों पर से पर्दा हटाने की मुहिम छेड़े हुए थे। जिसको लेकर झा ने पिछले दिनों ही एक पोस्ट डाली थी जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने कई अस्पतालों को बंद करवा दिया था तो कुछ अस्पताल पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया था। तब अविनाश को चुप रहने के लिए न सिर्फ रुपयों की पेशकश भी की गई थी बल्कि धमकियां भी मिलने लगी थी। लेकिन आरटीआई एक्टिविस्ट अविनाश ने मुहिम को बंद नहीं किया और आखिरकार निडर पत्रकार को जान गंवानी पड़ गई।
निजी अस्पतालों की धांधली को उजागर कर रहे नौजवान पत्रकार निडरता से काम कर रहे थे। एकाएक गायब होने के पीछे परिजनों ने पुलिस की शरण ली। जानकारी के मुताबिक बेनिपट्टी स्थित लोहिया चौक के नजदीक ही अविनाश का घर है। झा को आखिरी बार रात 10 बजे लोहिया चौक पर टहलते हुए देखा गया था। जब वह बेनीपट्टी पुलिस स्टेशन के पास से गुजर रहे थे।
सुबह जब वह घर पर नहीं दिखे तो परिजनों ने सोचा कि कहीं वह बाहर न गया हो। जब वह शाम तक नहीं आया तो परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने अविनाश का मोबाइल ट्रैक किया तो वह 5 किलोमीटर दूर बंद मिला। लेकिन अविनाश का कहीं पता नहीं चला। उसके शुक्रवार को अविनाश के चचेरे भाई को सूचना मिली कि किसी युवक का शव अधजली हालत में सड़क किनारे पड़ा है।
मौके पर जाकर देखा तो परिजनों ने हाथ में पड़ी अंगूठी से अविनाश को पहचान लिया। पुलिस के मुताबिक अविनाश की गर्दन और पैरों पर किसी चीज से बांधने के निशान पड़े हुए थे। घर वालों को अंदेशा है कि हत्यारों ने पहले अविनाश को किडनैप किया उसके बाद हाथ पैर बांधे होंगे तब अविनाश की निर्मम हत्या की होगी। इस मामले में पुलिस ने परिजनों के बयान पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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