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High Cholesterol in Children : आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में सेहत की देखभाल करना बहुत जरूरी है। अनियमित खानपान और नियमित व्यायाम ना करने से कई बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि कम उम्र में ही अपने कॉलेस्ट्रोल लेवल को कंट्रोल में रखा जाए, ताकि आगे आने वाले समय में ये हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सके।
क्योंकि आज के समय में कम उम्र में ही दिल से जुड़ी बीमारियां और स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे है। और ऐसा भी नहीं है कि ये केवल युवाओं के लिए जरूरी है। जानकार बताते हैं कि अब बच्चों में भी बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली के प्रतिष्ठित सर गंगाराम अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी मेहता ने बताया कि बदली हुई लाइफस्टाइल की वजह से बच्चों में भी कोलेस्ट्रॉल का रिस्क बढ़ गया है।
डॉ अश्विनी मेहता इसके पीछे बच्चों के खेलकूद में कमी और खाने पीने की गलत आदतों को अहम वजह मानते हैं। उनका कहना है कि महामारी की वजह से बच्चों का ज्यादातर समय घरों में बीता है, उनका बाहर खेलना-कूदना कम हो गया है। कम फिजिकल एक्टिविटी और अनियमित खानपान की वजह से छोटे बच्चों में भी कॉलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। (High Cholesterol in Children)
बच्चों के शरीर में खराब कॉलेस्ट्रॉल के एकत्रित होने की तीन प्रमुख कारण होते हैं। खराब खानपान, मोटापा और जेनेटिक रीजन्स यानी माता-पिता में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन वो रेकमेंड करती है कि जो हाई रिस्क वाले बच्चे हैं या जिनकी फैमिली हिस्ट्री है, उनको 13 साल की उम्र में ही अपने कॉलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। ऐसे बच्चों को बचपन से ही अपने कोलेस्ट्रॉल की तरफ ध्यान देना होगा, अगर इसे बचपन में ही कंट्रोल कर लिया जाएगा तो ये आगे चलकर खतरनाक नहीं होगा। (High Cholesterol in Children)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डाइट में ज्यादा सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की वजह से लिवर ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करने लगता है। फैटी मीट, फुल फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे फुल क्रीम मिल्क, क्रीम, चीज आदि, ज्यादा ऑयली फूड, प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स, पेस्ट्रीज, बिस्कुट, फास्ट फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर में काफी अधिक मात्रा में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट होता है। इन्हें खाने से बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है। (High Cholesterol in Children)
अगर बच्चों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे उनकी ब्लड वेसल सिकुड़ने लगती हैं। ब्लड फ्लो इफैक्ट करने लगता है। 20 से 25 साल की उम्र में ही आर्टरी (धमनियों) में प्लाक जमने लगता है। इससे होता क्या है कि बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि आजकल ये देखने में आ रहा है कि 30-35 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक की समस्या आ रही है। (High Cholesterol in Children)
बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटा खेलने दें, साइकिलिंग, रनिंग करना जरूरी है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है, धड़कन तेज होती और खराब कोलेस्ट्रॉल घटता है।
2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को अपनी डाइट में दिनभर में कुल 30% या उससे कम (45-65 ग्राम) फैट ही लेना चाहिए। इसके अलावा पैक्ड फूड के लेबल को सही से देखें, ये जानने के लिए उसमें सैचुरेटेड फैट कितनी मात्रा में हैं। (High Cholesterol in Children)
बच्चों के लिए सेब, अंगूर और खट्टे फलों का सेवन लाभदायक है। इनमें पेक्टिन नाम का घुलनशील फाइबर होता है। ये कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इनके अलावा अखरोट, मूंगफली और बादाम खाने से भी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम किया जा सकता है।
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