संबंधित खबरें
CM भजनलाल बोले- 'युवा तैयारी करें रोजगार देने की गारंटी हमारी, आने वाली है बंपर बहाली'
'रिहाई नहीं हुई तो…', नरेश मीणा को लेकर आंदोलन की चेतावनी, सरकार को दिया ये अल्टीमेटम
राजस्थान में ट्राले ने PCR वैन में मारी टक्कर, मौके पर पुलिसकर्मी की मौत
Bikaner Boom Blast News: सैन्य अभ्यास के दौरान अचानक बम फटने से हुई दो सैनिकों की मौत…मचा हड़कंप
Jaipur News: भजनलाल सरकार के दो मंत्रियों को एयरपोर्ट पर नहीं दी एंट्री, जमकर हुआ हंगामा…जाने क्या है पूरा मामला
Board Exam 2025: बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी, बदलेगी 10वीं-12वीं की परीक्षा की तारीखें
अभिषेक जोशी, उदयपुर :
Debate on Greatness of Maharana Pratap : चुनावी मोड़ से पहले राजस्थान में एक बार फिर महाराणा प्रताप की महानता और इतिहास के तथ्यो पर नई बहस शुरू हो गई है। आदर्श व्यक्तित्व के नाम से यह विवाद कांग्रेस बनाम बीजेपी हो गया है। अभी मामला कांग्रेस के प्रदेश मुखिया और विधानसभा में भाजपा विधायक दल के मुखिया के बीच चल रहा है। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप को लेकर दिए विवादित बयान पर भाजपा भी आरपार के मूड में है।
गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि कांग्रेसी अपनी उन्नति नहीं चाहते इसीलिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा अज्ञानी है। उन्हें कुछ भी कहने से पहले महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास के सुनहरे पत्तों को पढ़ना चाहिए।
महाराणा प्रताप को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप के लिए गलत टिप्पणी करने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रतिक्रिया दी है। कटारिया ने गोविंद सिंह डोटासरा को फिर से इतिहास का पाठ पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि जिन लोगों ने आज तक अकबर को महान बताया उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है।
ऐसे में एक बार डोटासरा को इतिहास पढ़ने की जरूरत है। कटारिया ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही आज तक कांग्रेस एक कोने में पड़ी है। कांग्रेस उन्नति नहीं चाहती तो इसी तरह की अनर्गल बयानबाजी करती रहे।
डोटासरा पर पलटवार करते हुए कटारिया ने कहा कि महाराणा प्रताप मेवाड़ के स्वाभिमान की लड़ाई लड़े थे। राज – पाट छोड़कर जंगलों में सिर्फ मेवाड़ के स्वाभिमान के लिए रहे थे। मेवाड़ किसी के सामने नहीं झुके इसलिए महाराणा प्रताप ने इतनी बड़ी सल्तनत से भी मुकाबला किया। उन्हें अगर सत्ता का लालच होता तो वह भी मान सिंह की लाइन में चले जाते।
पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को नागौर में बयान दिया था कि भाजपा ने अपने राज के दौरान विद्या भारती की तर्ज पर पाठ्यक्रम बनवाएं। बीजेपी ने ही महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताते हुए पाठ्यक्रम में शामिल करवाया था जबकि यह सत्ता का संघर्ष था। डोटासरा ने कहा था कि बीजेपी हर चीज को हिंदू मुस्लिम में बांट कर रखना चाहती है।
हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के विजय होने की बात सबके सामने लाकर उसे पाठ्यक्रम में जुड़वाने वाले इतिहासकार डॉक्टर चंद्रशेखर शर्मा ने इस राजनीतिक बयानबाजी पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के 450 वर्ष पुराने इतिहास को समझने के लिए राजनीति का चश्मा उतारने की जरूरत है। इतिहास के ऐसे तथ्य मौजूद है जो ये साबित करते है कि महाराणा प्रताप का संघर्ष न तो सत्ता पाने के लिए हुआ था और ना ही सत्ता खोने या बचाने के लिए था।
प्रताप के पास तो सत्ता खुद लौटकर आई थी। उनको मेवाड़ का शासक नहीं बनाया तब भी उन्होंने मुंह नहीं खोला। सत्ता का लोभ होता तो प्रताप उस वक़्त भी बोल सकते थे कि मैं बड़ा बेटा हूँ मुझे शासक बनाया जाए। जिन्हें सत्ता भोगनी होती है वे कॉम्प्रोमाइज करते है संघर्ष नहीं। महाराणा प्रताप का संघर्ष विदेशी साम्राज्यवाद के खिलाफ था। ये अभारतीय के साथ भारतीय का संघर्ष था।
Read More : Panipat Crime News Today 12 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोनों दोषियों को फांसी की सजा
Read More : Haryana New Corona Guidelines कोरोना से जुड़े सभी प्रतिबंधों को हटाने का हरियाणा सरकार ने किया एलान
Also Read : Corona Update Today 17 February 2022 पिछले 24 घंटे में सामने आए 30,757 नए मामले, 541 लोगों ने गंवाई जान
Also Read : Relief in India from Corona आज देश मिले में 27409 केस, 347 की हुई मौत
Also Read : New Guidelines of Corona Released 14 फरवरी से लागू, विदेशी यात्रियों को मिली होम क्वारंटाइन से छूट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.